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जय श्री कृष्ण read in english

भगवान श्री कृष्ण का हिन्दू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण आरती को एक दैनिक आधार पर गाते हुए एक बार भगवान कृष्ण की पूजा जरूर की जाती है। हिन्दू धर्म में कई भगवान् की आरती गयी जाती हैं परन्तु भगवान् कृष्णा की आरती करने से तथा इनके नाम से ही हमारे अंदर की सारी बुराइयों का नाश जल्द ही हो जाता है।

भगवान श्री कृष्णा भगवान् विष्णु के अवतार हैं।इनकी आरती करने के लिए हमें सुबह स्नान कर के साफ़ कपडे पेहेन कर और मन से श्री कृष्णा जी की आराधना करते हुए इनकी आरती करनी चाहिए। इनकी आरती शाम में भी की जा सकती है। कृष्ण आरती के नियमित रूप से गायन मन की शांति प्रदान करता है और अपने जीवन से सभी बुराई को दूर करता है और आपको स्वस्थ, समृद्ध और खुस बनाता है। भगवान कृष्ण की आरती एक उत्तम आरती है।



आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली;

भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक;
ललित छवि श्यामा प्यारी की॥

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै;

बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;
अतुल रति गोप कुमारी की॥

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा;
बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;

चरन छवि श्रीबनवारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;
टेर सुन दीन भिखारी की॥

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

भगवान श्री कृष्ण जी की आरती का सारांश कहता है की हे गोपाल नंदन हे कृष्णा मुरारी हमारे अंदर से सभी बुराइयों का नाश करो हमे अच्छे रस्ते का ज्ञान दो हम मन से आपकी आरती करते हैं आप हमारे पूजनीय सदा के लिए हैं। मैं आपकी आरती दिन रात करूंगा।


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भगवान विष्णु इस धरती से बुराई को ख़त्म करने के लिए तथा सभी दानवों का नाश करने के लिए इस धरती पे भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतरित हुए। कंश जैसे राक्षश का नाश किया। गैवर्धन पर्वत उठा कर मथुरा के लोगों की रक्षा किया। इस दुनियां को श्रीमद भागवत गीता का ज्ञान दिया। कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवों का साथ दिया तथा इस दुनिया से बुराई का नाश किया। बोलो जय श्री भगवान कृष्ण की जय।

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