काशी विश्वनाथ ज्योत्रिलिंगा, Kashi Vishwanath Jyotirlinga Story In Hindi


Kashi_Vishwanath_jyotirling_Temple


Read Kashi Vishwanath Jyotirlinga Story in english here

काशी विश्वनाथ ज्योत्रिलिंगा 12 ज्योत्रिलिंगा ( barah Jyotirlinga ) में से एक है यह ज्योत्रिलिंगा उत्तर प्रदेश के वारणशी के काशी नगर में कई 1000 सालो से स्थित है ऐसा माना जाता है काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के बाद गंगा जी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है

यह हिन्दू धर्म का एक पवित्र स्थल है काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए बहुत लोगो यह पहुंचते है काशी विश्वनाथ ज्योत्रिलिंगा के दर्शन स्वामी विवेका नन्द जी ने गुरु श्री शंकराचार्य जी ने राम कृष्णा परमहंश ने गोस्वामी तुलसीदास जी भी इनके दर्शन करने आ चुके है यह मंदिर बहुत ज्यादा पॉपुलर है

Kashi_Vishwanath_jyotirlinga_Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण अहिलिया बाई होल्कर ने करवाया अहिलिया बाई होल्कर भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी तो एक दिन भगवान शिव ने उन्हें सपने में आये थे जब अहिलिया बाई होल्कर ने 1777 में काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया उसके बाद महाराजा रणजीत सिंह ने 1853 ईश्वी में १००० किलो सोना देकर बनवाया यह मंदिर गंगा जी के किनारे स्थित

काशी विश्वनाथ मंदिर को औरगंजेब ने तुड़वा दिया था और इस जगह मज़्जिद बन वा दी थी इसके बाद मंदिर को दुबारा आदि गुरु श्री शंकरचार्य ने बनबाया था मज़्जिद वाली जगह को ज्ञान वापी के नाम से जाना जाता है भगवन शिव की परम भक्त अहिलिया बाई होल्कर ने मज़्जिद से कुछ हटकट एक नए सुन्दर मंदिर की इस्थापना की और महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर पे सोने का कलस भी चढ़ाया.

kashi_vishwanath_jyotirlinga_images

ऐसा माना जाता है काशी विश्वनाथ भगवान शिव की सबसे प्यारी जगह है आज तो काशी विश्वनाथ का मंदिर है इसका यह चौथी बार निर्माण हुआ है काशी में भगवान शिव "विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग" में निवास करते है

एक बार बहगवां शिव की एक से दो हो जाने की मैं हुआ तो उन्होंने अपने आप को दो रूपों में भिभाजन क्र लिया एक रूप उनका शिव कहलाया और दूसरा रूप उनका शक्ति कहलाया वो फिर भी अपने माँ बाप का साथ न होने से दुखी होये तो तभी आकाश वाणी हुई और आकाश वाणी ने उन्हें तपश्या करने की सलाह दी तब तपश्या हेतु उन्होंने ५ कोष लम्बे में काशी का निर्माण किया और भगवान शिव वहा पे विश्वेश्वर के रूप में विराजमान हो गए.

शिव, विश्वेश्वर के आनंद - कानन में पांच मुख्य तीर्थ है

  • 1 दशाश्वेमघ
  • 2 लोलार्ककुण्ड
  • 3 बिन्दुमाधव
  • 4 केशव
  • 5 मणिकर्णिका

यही वो पांच प्रमुख तीरथ है जिनके कारन इन्हे अवमुक्त क्षेत्र कहा जाता है

काशी विश्वनाथ मंदिर हर मंगलवार को सुभह २:३० बजे मंगल आरती के लिए खोला जाता है मंगल आरती सुभह ३ से ले कर ४ बजे तक चलती है बहार से आये हुए लोग और भक्त भी इस आरती में भाग ले सकते है .

क्र.सं. समय आयोजन विवरण
1 3.00 A.M. to 4.00 A.M. मंगला आरती 300.00 (सामान्य दिन केवल)
2 3.00 A.M. to 4.00 A.M. मंगला आरती 1000.00 (सोमवार को श्रावण केवल)
3 3.00 A.M. to 4.00 A.M. मंगला आरती 500.00 (सोमवार को छोड़कर श्रावण का दिन)
4 3.00 A.M. to 4.00 A.M. मंगला आरती 1500.00 (महा शिवरात्रि दिन केवल)
5 11.15 A.M. to 12.20 P.M. भोग/आरती 125.00
6 7.00 P.M. to 8.15 P.M. सप्तर्षि 150.00
7 9.00 P.M. to 10.15P.M. नाईट श्रृंगार/भोग आरती 150.00
8 10.30 P.M. to 11 P.M. नाइट शयन आरती Free


kashi_vishwanath_image_temple

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर राज्य के उत्तरप्रदेश में पवित्र शहर वाराणसी में स्थित है। यहां से पवित्र नदी गंगा बहती है। गंगा की आरती वाराणसी से सबसे प्रसिद्ध घटना है। यह माना जाता है कि यह भगवान शिव का शहर है। यह इस दुनिया में सभी स्थानों के बीच सबसे पुराना शहर है।